महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती आधुनिक भारत के महान चिन्तक, समाज-सुधारक व देशभक्त थे। वे एक सन्यासी तथा एक महान चिंतक थे। उन्हों ने वेदों की सत्ता को सदा सर्वोपरि माना। दयानंद सरस्वती का जन्म १२ फ़रवरी टंकारा में सन् १८२४ में मोरबी (मुम्बई की मोरवी रियासत) के पास काठियावाड़ क्षेत्र (जिला राजकोट), गुजरात में हुआ था। उनके पिता का नाम करशनजी लालजी तिवारी और माँ का नाम यशोदाबाई था। स्वामी दयानन्द सरस्वती को सामान्यत: केवल आर्य समाज के संस्थापक तथा समाज-सुधारक के रूप में ही जाना जाता है। स्वामी दयानन्द सरस्वती ने कई धार्मिक व सामाजिक पुस्तकें अपनी जीवन काल में लिखीं थी। हिन्दी को उन्होंने 'आर्यभाषा' का नाम दिया था। स्वामी दयानन्द जी ने छुआछूत, सती प्रथा, बाल विवाह, नर बलि, धार्मिक संकीर्णता तथा अन्धविश्वासों के विरुद्ध उन्होंने जमकर प्रचार किया था और विधवा विवाह, धार्मिक उदारता तथा आपसी भाईचारे का उन्होंने समर्थन किया था। स्वामी दयानन्द जी का शरीर सन् १८८३ में ३० अक्टूबर को दीपावली के दिन पञ्चतत्व में विलीन हो गया।
१. महर्षि स्वामी
दयानन्द सरस्वती का बचपन का नाम क्या था?
- 'मूलशंकर'
२. महर्षि स्वामी
दयानन्द सरस्वती किस परिवार से थे?
- ब्राह्मण परिवार
३. उन्होंने ने किस समाज की स्थापना की?
- आर्य समाज(आर्य समाज एक हिन्दू सुधार आंदोलन
हैं। जिसकी स्थापना स्वामी दयानंद सरस्वती ने १० अप्रैल, १८७५ में बंबई में मथुरा के स्वामी विरजानंद की प्रेरणा से की थी)
४. हमारे प्रथम
स्वतन्त्रता समर, सन् १८५७ की
क्रान्ति की सम्पूर्ण योजना किस के नेतृत्व में तैयार की गई थी?
- स्वामी दयानन्द सरस्वती
५. स्वामी दयानन्द
सरस्वती तथा अन्य पांच व्यक्ति के साथ मिलकर जनसाधारण तथा भारतीय सैनिकों में इस
क्रान्ति की आवाज को पहुञ्चाने के लिए कोनसी योजना तैयार की गयी थी?
- 'रोटी तथा कमल' की योजना (वो पांच व्यक्ति में से नाना साहेब, अजीमुल्ला खां, बाला साहब, तात्या टोपे तथा
बाबू कुंवर सिंह सामिल थे।)
६. स्वामी जी को किसने "स्वराज्य का प्रथम सन्देशवाहक" कहा था?
- लोकमान्य
तिलक ने
७. नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने स्वामी दयानन्द
सरस्वती को कैसा माना?
- "आधुनिक
भारत का निर्माता"
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