तिलका माँझी एक आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे, ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध आंदोलन करते हुये वे कई बार जेल
गये और अंत में भागलपुर जेल में उन्हें फाँसी की सजा दी गयी। उनका जन्म
११ फ़रवरी १७५० को बिहार के सुल्तानगंज
थाने के तिलकपुर गाँव में हुआ था।
१. तिलका माँझी कौन
थे?
- भारत में ब्रिटिश सत्ता को चुनौती देने वाले मछुआ समुदाय के वीर आदिवासी थे।
२. कितने समय तक तिलका
माँझी ने ब्रिटिश सत्ता के विरुद्ध
लड़ाई लड़ी थी?
- १७७१ से १७८४ तक
३. तिलका मांझी ने
१८५४ के स्वतंत्रता संग्राम से ९० वर्ष पूर्व किस विद्रोह का नेतृत्व किया था?
- संथाल विद्रोह (वर्ष १८५५ में बंगाल के मुर्शिदाबाद तथा बिहार के भागलपुर जिलों में स्थानीय जमीनदार, महाजन और अंग्रेज कर्मचारियों के अन्याय अत्याचार के शिकार संथाली
जनता ने एकबद्ध होकर उनके विरुद्ध विद्रोह का बिगुल फूँक दिया था इसे संथाल विद्रोह कहते
हैं। यह उनके विरुद्ध प्रथम सशस्त्र जनसंग्राम था। सिधु, कानु और चाँद इस आन्दोलन का नेतृत्व करने वाले प्रमुख नेता
थे। १८५२ में लॉर्ड कार्नवालिस द्वारा आरम्भ किए गए स्थाई बन्दोबस्त के कारण जनता के ऊपर बढ़े हुए अत्याचार इस
विद्रोह का एक प्रमुख कारण था।)
४. तिलका माँझी को किस विद्रोह के सिलसिले में भागलपुर कारागार में फाँसी की सजा दे दी गई?
- तमाड़
विद्रोह (तमाड़ विद्रोह १७९५ से १८०० के मध्य झारखण्ड में शासन के विरुद्ध किया गया
जन विद्रोह था जिसका नेतृत्व दुखान मनाकी ने किया था।)
५. इस वीर पुत्र,
स्वतंत्रता सेनानी को कब और कहा की जेल में
फांसी दे दी गई?
– 1785 में भागलपुर की जेल में
६. तिलका मांझी के
नाम पर भागलपुर में
कोनसा एक शिक्षा का
केंद्र स्थापित किया गया है?
- तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय(इसकी स्थापना १२ जुलाई १९६० को की गयी थी।)
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