प्राचीन भारत की सात अजायबी में से एक अजायबी है धोलावीरा। धोलावीरा प्राचीन
महानगर संस्कृति का लुप्त नगर है, जो कच्छ के भचाऊ तालुका के खदिर
बेट में है। यह संस्कृति पांच हजार साल पुरानी है। धोलावीरा को यहाँ पाए गए हड़प्पा
सभ्यता के अवशेष ने प्रसिद्ध बनाया है। अनुमान लगाया जाता है की उस
समय में लगभग पचास हजार(50,000) लोग इस
शहर में रह रहे थे। यह स्थल सिंधु घाटी सभ्यता की महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थलों
में से एक है। धोलावीरा नगर के चारों ओर एक दीवार है। पुरे नगर में
धार्मिक स्थलों के कोई अवशेष नहीं पायें है। स्थानिक लोग यह स्थान को कोटडा(महादुर्ग) से
भी पहचानते है।
हड़प्पा शहर की यह विशेषता की वह पत्थरों से निर्मित किया गया है। मो-हे-जो दड़ो और हड़प्पा में अन्य नगरो का निर्माण कच्ची
पक्की ईंटों से होता था।
दो समुद्र मिलते है लेकिन मिश्रित नहीं होते!!
ऐतिहासिक इमारतों का स्थान मांडू
No comments:
Post a Comment