चाय समग्र दुनिया का एक लोकप्रिय पेय है। यह चाय के पौधों
की पत्तियों से बनता है। सबसे पहले सन् १८१५ में कुछ अंग्रेज
यात्रियों का ध्यान असम में उगने वाली चाय की झाड़ियों पर गया जिससे स्थानीय क़बाइली
लोग एक पेय बनाकर पीते थे।
भारत के गवर्नर जनरल लॉर्ड बैंटिक ने १८३४ में चाय की परंपरा भारत में शुरू करने और उसका उत्पादन करने की संभावना तलाश करने के लिए एक समिति का गठन किया। इसके बाद १८३५ में असम में चाय के बाग लगाए गए। सन् १६१०में डच व्यापारी चीन से चाय यूरोप ले गए और धीरे-धीरे ये समग्र दुनिया का प्रिय पेय बन गया। प्रमुख उत्पादक देशों में भारत तथा उसके बाद चीन का स्थान था। (अब चीन ने भारत से इस क्षेत्र में बाजी मार ली है।), चीन ही अभी एकमात्र देश है जो लगभग हर तरह की चाय का बड़े पैमाने पर औद्योगिक उत्पादन करता है।
भारत के गवर्नर जनरल लॉर्ड बैंटिक ने १८३४ में चाय की परंपरा भारत में शुरू करने और उसका उत्पादन करने की संभावना तलाश करने के लिए एक समिति का गठन किया। इसके बाद १८३५ में असम में चाय के बाग लगाए गए। सन् १६१०में डच व्यापारी चीन से चाय यूरोप ले गए और धीरे-धीरे ये समग्र दुनिया का प्रिय पेय बन गया। प्रमुख उत्पादक देशों में भारत तथा उसके बाद चीन का स्थान था। (अब चीन ने भारत से इस क्षेत्र में बाजी मार ली है।), चीन ही अभी एकमात्र देश है जो लगभग हर तरह की चाय का बड़े पैमाने पर औद्योगिक उत्पादन करता है।
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