पृथ्वी की सतह के ७० प्रतिशत से अधिक क्षेत्र में फैला
सागर, खारे पानी का एक सतत निकाय है। सागर के पानी की विशेषता इसका खारा या नमकीन
होना है। समुद्र से जो भाप उठती है जिससे बादल बनते हैं और बारिश होती है और इसी
कारण से नदियों और झरनों में पानी आता है। नदियों और झरनों के पानी में प्रकृति के अन्य पदार्थो से आए
लवण घुलते है। लेकिन उसकी मात्रा कम होती है, इसलिए नदी झरनों
का पानी हमे मीठा ही लगता है। लेकिन जब यह पानी समुद्र में
पहुंचता है तो वह लवण जमा होते जाते हैं। इनमे में खास दो लवण हैं सोडियम और
क्लोराइड जो नमक बनाते हैं जिसे पानी को मुख्य रूप से खारापन मिलता है, लेकिन पानी
में पोटेशियम और मैग्नीशियम के क्लोराइड के अतिरिक्त विभिन्न रासायनिक तत्त्व भी
होते है। इसीलिए हमे समुद्र का पानी खारा लगता है।
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