आज हम उन चीज पर बात करेंगे, जो हमारे जीने के लिए
सबसे जरुरी है वह ऑक्सीजन की| आप अब तक ऑक्सीजन के बारे में बड़ी बड़ी बात सुनी
होगी; पर आज आप छोटी छोटी बाते नहीं जानते होंगे। क्या आपको पता है की वातावरण में
21% ऑक्सीजन हमारे लिए कोई वरदान से कम नहीं है; क्योंकि 30 करोड़ साल पहले जब
ऑक्सीजन 35% था तब छोटे छोटे कीड़ो का आकार बहुत बड़ा होने लगा था।
ऑक्सीजन खुद नहीं जलती। केवल ये दूसरी चीजों को जलने
में मदद करती है। यदि ऑक्सीजन खुद जल सकती तो संभव होता कि माचिस की एक तीली जलाते
समय ही वातावरण में फैली पूरी ऑक्सीजन में आग लग जाती।
यदि किसी भी डेड बोड़ी को ठंडे और बिना ऑक्सीजन वाली जगह पर रख दी जाए तो यह बोड़ी पिघले
हुए मोम की तरह बन जाएगी; जो साबुन की तरह बिल्कुल चिकनी होगी।
यदि चूने में ऑक्सीजन और हाइड्रोजन मिलाया जाए तो यह
बहुत तेज रौशनी पैदा करेगा। पुराने सिनेमाघरों में किसी जगह पर लाईट के ऐसा ही
प्रयोग होता था।
यदि
आज की तुलना में ऑक्सीजन दोगुना हो
जाये तो क्या होगा?
कागज से बने हुए हवाई जहाज ज्यादा देर तक उडेंगे।
हमारी गाड़ियाँ कम पेट्रोल-डीजल में ज्यादा दूर तक जाने लगेगी। मजा आ जाएगा ना
घुमने के लिए!!!
आज की तुलना में हम ज्यादा खुश और एक्टिव रहेगे; मतलब, सुस्ती खत्म। इसलिए खेल-कूद में बने अब तक के सारे रिकोर्ड टूट जाएगे। हम कम
बीमार पडेंगे क्योंकि हमारी इम्यून सिस्टम और ताकतवर हो जाएगी; लेकिन हम बूढ़े भी जल्द
होने लगेगे।
कीड़ो का आकार बहुत बड़ा हो जाएगा क्योंकि कीटों का आकार ऑक्सीज़न पर निर्भर करता है।
यदि
कुछ ही सेकंड
के लिए धरती से ऑक्सीजन गायब हो जाए तो क्या होगा?
जब तक धरती पर ऑक्सीजन ना रहे तब तक धरती बहुत ही बहुत ठंडी हो जाएगी।
दिन में भी अंधेरा छा जाएगा।
हर वह इंजन रूक जाएगा; जिसमें आंतरिक दहन होता है। रनवे पर टेक ऑफ कर चुका
प्लेन वही क्रैश हो जाएगा।
धातुओ के टुकड़े बिना वैल्डिंग के ही आपस में जुड़ जाएगे।
पूरी दुनिया में सबके कानों के पर्दे फट जाएगे क्योंकि 21% ऑक्सीज़न के अचानक
लुप्त होने से हवा का दबाव घट जाएगा। इसलिए सब का बहरा होना पक्का है।
कंक्रीट से बनी हर बिल्डिंग ढेर हो जाएगी।
हर जीवित कोशिका फूलकर फूट जाएगी।
पानी में 88.8% ऑक्सीज़न होती है। पानी में ऑक्सीजन ना होने पर हाइड्रोजन
गैसीय अवस्था में आ जाएगी और इसका वोल्यूम बढ़ जाएगा।
हमारी साँसे बाद में रूकेगी; पर पहले हम फूलकर ही फट जाएँगे।
समंदर का सारा पानी भाप बनकर उड़ जाएगा क्योंकि बिना ऑक्सीजन वाला पानी
हाइड्रोजन गैस में बदल जाएगा और यह सबसे हल्की गैस होती है तो इसका अंतरिक्ष में
उड़ना लाज़िमी है।
ऑक्सीजन का अचानक से गुम होने से हमारे पैरों तले की जमीन खिसककर 10-15 कि.मी.
नीचे चली जाएगी।