हिन्दी साहित्य में प्रेमचंद का बहुत योगदान है। तभी से ‘प्रेमचंद्युग’ का निर्माण हुआ और ‘उपन्यास के सम्राट’ माना गया। हिन्दी तथा उर्दू भाषा में प्रेमचंद ने उपन्यास, कहानी, नाटक, निबंध आदि विधा प्रदान की है जिनमें से उपन्यास 'गबन', 'गोदान’ तो कहानी 'ईदगाह', 'कफन' तथा नाटक 'कर्बला' और निबंध ‘चांद', 'मर्यादा' आदि विधाओ प्रदान की है।

प्रेमचंद का पहला कहानी संग्रह ‘सोज़े-वतन’ है, जो १९०८ में प्रकाशित हुआ। “सोजे-वतन” में देशभक्ति की भावना को जगाया था। अंग्रेज़ सरकार ने रोक लगा दी और इसके लेखक को भविष्य में इस तरह का लेखन न करने की चेतावनी दी। इसलिए वह प्रेमचंद के नाम से ही लिखना शुरू किया था। प्रेमचंद का ८ अक्तूबर, १९३६ को निधन हुआ। प्रेमचंद की स्मृति में भारतीय डाकतार विभाग की और से सन १९८० को उनकी जन्मशती के अवसर पर ३० पैसे का जारी किया गया।
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