“हम वह नहीं हैं, जो हमें होना चाहिए और हम वह नहीं हैं, जो होने वाले हैं,
लेकिन खुदा का शुक्र है कि हम वह भी नहीं हैं, जो हम थे।”
अमेरिकन के गाँधी
से प्रख्यात डॉ. मार्टिन लूथर किंग जूनियर का जन्म 1929 में अमेरिका के अटलांटा
शहर में हुआ| वह एक पादरी, आंदोलनकारी एवं अफ़्रीकी-अमेरिकी नागरिक अधिकारों के
संघर्ष के प्रमुख नेता थे| उनके प्रयत्नों के कारण अमेरिका में नागरिक अधिकारों के
क्षेत्र में प्रगति हुई| इसी कारण उन्हें आज मानव अधिकारों के प्रतीक के रूप में
भी देखा जाता है| दो चर्चो ने तो उन्हें संत के रूप में भी मान्यता प्रदान की है|
1955 में उनका
विवाह कोरेटा से हुआ| उनको अमेरिका के दक्षिणी प्रांत अल्बामा के मांटगोमरी शहर
में डेक्सटर एवेन्यू बॅपटिस्ट चर्च में प्रवचन देने बुलाया गया और इसी वर्ष
मॉटगोमरी की सार्वजनिक बसों में काले-गोरे के भेद के विरुद्ध एक महिला श्रीमती रोज
पार्क्स ने गिरफ्तारी दी। बस इसके बाद ही डॉ॰ किंग ने प्रसिद्ध आंदोलन चलाया|
381 दिन तक चलने
वाला इस सत्याग्रह के बाद अमेरिकी बसों में काले-गोरे यात्रियों के लिए अलग अलग
सीटें रखने का प्रावधान कर दिया| इसके बाद धार्मिक नेताओं के मदद से समान नागरिक
कानून आंदोलन अमेरिका के उत्तरी भाग में फ़ैल गया| TIME पत्रिका ने उन्हें 1963 का
Man of the year चुना|
किंग गांधीजी के अहिंसक आंदोलन से बेहद प्रभावित थे| वे गांधीजी के आदर्शो पर चलकर अमेरिका में इतना सफल आंदोलन चलाया; जिसे अधिकांश गोरों का समर्थन मिला|
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